भारत दर्शन भारत देव भूमि है, अतुल्य धरा है, समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है, प्राचीन सभ्यताओं में बेसुमार है, यहां वेद रचनाओं की रचना स्मृति है। गंगा, यमुना, नर्मदा, ताप्ती,…
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स्तनपान धर्म है-एस. के. पूनम
स्तनपान धर्म है नौ माह अपनी कोख में सहेजी, अपने पोषण से ही पोषित की, हर पल अपने ख्यालों में रखीं, मेरी सुरक्षा में सदैव तत्पर रहीं। मुझे तुम धरती…
पाठशाला से रिश्ता-एस. के. पूनम
पाठशाला से रिश्ता वह खड़ा है पाठशाला के द्वार पर, पार किया है उम्र का छठा सावन, बाल-सुलभ मुस्कान है अधरों पर, सजल नयनों में है आशा का दीप। अंग-सौष्ठव…
कागज़ की आत्मकथा-एस. के. पूनम
कागज़ की आत्मकथा मेरा जन्मभूमि चीन कहलाता है, मुझे माह, तारीख तो याद नहीं है, पर हाँ! वर्ष 201 ई.पू. अंकित है, त्साई-लुन मेरे जनक कहलाते हैं। मैं वृक्षों के…
बूढ़ा पेड़-एस. के. पूनम
बूढ़ा पेड़ मेरे कुछ हरियाली भरी शाखाएँ, तो कुछ ठूंठ होती मेरी डालियॉं, जो इस बात का गवाह है कि, बूढ़ा होकर भी जीने की आश नहीं छोड़ा। आज भी…
सांसों के लिए संघर्ष-एस. के. पूनम
सांसों के लिए संघर्ष मानव ज्ञान की उस सीमा को छू लिया, भौतिक सुखों के हर आयामों को पा लिया, पर प्रतीत होता है कि अभी भी कुछ शेष है,…
आँखें-एस. के. पूनम
आँखें आँखों से बहते आँसू, कहता है एक अफसाना, गमों का दौर हो या, खुशियों के चंद लम्हें, आँखों से शबनम की बूंदें जैसी, गिरती है रुखसारों पर। ये आँखें!…
बालक की अभिलाषा-एस. के. पूनम
बालक की अभिलाषा बालक हूँ मेरी भी कुछ अभिलाषा है, गुरुदेव का असीम सानिध्य मिले, सादगी भरा वेशभूषा धारण करूँ, समाज में सादगी का मिशाल बनूं। बालक हूँ मेरी भी…
आओ बच्चों तुम्हें सीखाएंगे-एस.के.पूनम
आओ बच्चों तुम्हें सीखाएंगे आओ मेरे देश के नोनिहालों, कब से कर रहा हूँ प्रतीक्षा तुम्हारी, एक क़दम चलकर आओ मेरी ओर, आओ तुम्हें अंगुली पकड़ कर दौड़ना सीखाऊंगा। आओ…