कृष्ण गीता का ज्ञान है – नरेश कुमार निराला

कृष्ण गीता का सार है, कृष्ण कंस का संहार है। कृष्ण प्रचंड भद्र काल है, कृष्ण देवकी-यशोदा के लाल है।। कृष्ण जीवन का सार है, कृष्ण मधुरता की रसधार है।…

जग के पालनहार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

जगत कल्याण हेतु- देवकी के घर आए, भाद्रपद अर्ध रात्रि, कृष्ण लिए अवतार। गोपियों के प्रेम वश- माखन चुराते रोज, यशोदा के पुत्र बने जग के पालनहार। लाज को बचाने…

नारायण करें काज – एस.के.पूनम

अंधकार कारावास, अनहोनी का आभास, तड़ित चमके नभ,नारायण करें काज। धरा ललायित सदा, प्रभु चरण चूम लूँ, समय के प्रवाह में,शीशु पग पड़े आज। ईश्वर की लीला देख, यमुना उफान…

शिक्षक दिवस – हर्ष नारायण दास

शिक्षक नहीं है सामान्य व्यक्ति, वह तो शिल्पकार होता है। गीली मिट्टी को सँवारने वाला कुम्भकार होता है।। उसने ही श्रीराम गढ़े हैं, वह ही श्रीकृष्ण निर्माता। वह ही समर्थ…

गुरुवर आए खास – एस.के.पूनम

प्राची दिशा लोहित है, सूर्यदेव निकले हैं, बच्चे आज ताक रहे,गुरुवर आए खास। पाठशाला सज रहा, महका है श्रद्धा पुष्प, मिट गया हिया तम,आया सितंबर मास। विश्वास से लबालब, शिष्य-शिष्या…

शिक्षक को सम्मान चाहिए – विवेक कुमार

राही को जो राह दिखाए, गिरते को ऊपर उठाए, कच्ची मिट्टी से घड़े बनाए, धार उनकी कुंद बनाए, अपनी बिना परवाह किए, छात्रों का भविष्य बनाए, मुसीबत आने पर भी,…

शिक्षक – रूचिका राय

अनगढ़ माटी का गढ़ आकार देते है, शिक्षक है मुश्किलों से उबार देते है उनसे ही सीखा है जीवन कैसे चलायें, वह हौसलों का हमे औजार देते है। वह पथप्रदर्शक…