छोटी सी – धीरज कुमार

Dhiraj

एक छोटी सी उम्मीद पर..
हम बड़े – बड़े काम कर जाते है।

एक छोटी सी सफलता की रौशनी में….
सफल हो कर हर काम पूरा कर लेते है।

एक छोटी सी मुस्कान ही सही….
हर चेहरे पर हंसी लाती है।

पर न जाने क्यों कुछ लोग …
छोटी – छोटी बातो पर क्या – क्या नही कर देते है?

एक छोटी सी चिंगारी को देखो….
सबको जला कर राख कर जाती है।

एक छोटी सी बात पर न जाने क्यों….
लोग एक बड़ी लड़ाई लड़ते हैं।

एक छोटी सी बात को कभी….
उम्र भर दिल से लगा कर रहते हैं।

एक छोटी सी गलती पर…..
तिल का ताड़ कर देते है।

हम सब मिशाल बने की….

छोटी मगर इन मोटी बातो को
अच्छाई से बड़े मुकाम तक पहुंचाएंगे।

छोटी – छोटी बुरी बातों को दिल से निकाल कर अच्छाई को गले लगाएंगे।

धीरज कुमार
स्वरचित
प्रखंड शिक्षक
उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिलौटा
भभुआ कैमूर
बिहार

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