संरक्षण-विजय सिंह नीलकण्ठ

संरक्षण माता के संरक्षण में  छोटे बच्चे पलते हैं तो  पिताजी के संरक्षण में  बच्चे अनुशासित बनते हैं। शिक्षक गण के संरक्षण में  शिक्षा की ज्योति जलाते हैं  फिर गुरुजी…

देश हमारा-विजय सिंह नीलकण्ठ

देश हमारा रहे सलामत देश हमारा सारे जग में है हमको प्यारा नहीं दिखा है कभी बेचारा जो जाने दुनियाँ जग सारा। राष्ट्रध्वज इनका तिरंगा केसरिया हरा सफेद रंग का…

अदृश्य मित्र-विजय सिंह नीलकण्ठ

अदृश्य मित्र अदृश्य मित्र भी कभी-कभी आ जाते हैं सबके काम ऐसी महानता उनमें होती छुपा के रखे अपना नाम । विपत्तियों में साथ निभाते सम्पत्तियाँ देख प्रसन्न हो जाते…

मित्र महान-विजय सिंह नीलकण्ठ

 मित्र महान मन की बात परखने वाले ही कहलाते सच्चे मित्र चारों दिशाओं में नाम फैलाकर बना देते हैं जैसे इत्र । सुख-दुःख में साथ निभाए कहलाते वे सच्चे मित्र…

टीचर्स ऑफ बिहार-विजय सिंह नीलकण्ठ

टीचर्स ऑफ बिहार टीचर्स ऑफ बिहार ने हमशिक्षकों को दिया एक ऐसा मंचजहाँ न कोई कूटनीति हैऔर न कोई है प्रपंच।यहाँ योग्यता पूजी जातीविद्वत का होता सम्मानजो विद्वत थे अब…