दिवाली-प्रीति कुमारी

दिवाली खुशियों का सौगात लेकर, आती है हर साल दिवाली। अँधियारे को दूर भगाकर, करती है खुशहाल दिवाली। करके घर की साफ-सफाई , रंग-रोगन लिपाई पुताई। दरवाजे पर हम हैं…

देश हमारा सबसे प्यारा-प्रीति कुमारी

देश हमारा सबसे न्यारा  सबसे प्यारा सबसे न्यारा, सबसे सुन्दर देश हमारा । कहीं पठारें कहीं है पर्वत, कहीं हैं नदियाँ कहीं बहारा । कहीं हैं झरने कहीं नजारे, कहीं…

चिड़ियाँ रानी- प्रीति कुमारी

चिड़ियाँ रानी सुबह-सुबह जब चिडियाँ रानी , मीठे-मीठे गीत सुनाती। फुदक-फुदक कर दाना चुगती, चोंच खोलकर पीती पानी । रंग बिरंगी पंखों वाली, सब के मन को है हर्षाती ।…

बचपन-प्रीति कुमारी

बचपन कभी-कभी तन्हाइयों में, याद आतीं बचपन की बातें। भरा-पूरा परिवार हमारा, पल-पल मन को था महकाता। काश कि बचपन लौट के आता।। दादा-दादी का वह आँगन, लगता था कितना…

हम शिक्षक हैं-प्रीति कुमारी

हम शिक्षक हैं शिक्षक का कर्तव्य निभाते हैं, बच्चों को सत्मार्ग पे चलना हम सिखलाते हैं। बच्चों के कोमल मन की हम बात बताते हैं, उनकी बातें उनकी भाषा हम…

पेड़ लगाएँ पेड़ लगाएँ-प्रीति कुमारी

पेड़ लगाएँ पेड़ लगाएँ आओ मिलकर पेड़ लगाएँ नाचे गाएँ खुशी मनाएँ   पेड़ लगाएँ पेड़ लगाएँ । पेड़ों से हरियाली आती बागों में कोयलिया गाती, वन-उपवन में फूल हैं खिलते…