राष्ट्र हित का भाव जगे-विनय कुमार

राष्ट्रहित का भाव जगे मन अर्पण मेरा तन भी अर्पण राष्ट्र रक्षार्थ हो जाऊँ कण-कण प्राण जाए पर बोले ह्रदय तरंग मातृधरा का न हो पाए भंजन भाव यहीं जग…

स्वर्ग से सुंदर देश हमारा-कुमकुम कुमारी

स्वर्ग से सुंदर देश हमारा स्वर्ग से सुंदर देश हमारा जहाँ बहती निर्मल गंगा जल धारा हिमालय जिसके शीश मुकुट सजाए सागर जिसके चरण धुलाए ऋषि मुनियों ने अपने तप…

स्वातंत्र्य कुसुम-दिलीप कुमार गुप्ता

स्वातंत्र्य कुसुम अति पावन शुभ मंगल वेला आर्यावर्त मुक्ति स्वर्णिम दिवस चतुर्दिक छायी हरियाली निस्सिम प्रखर धवल व्योम अनवरत प्रगति छंद गुंजन अंतस छटा स्वच्छ चक्र महान सत्य अहिंसा अहर्निश…

हमारा हिन्दुस्तान-अश्मजा प्रियदर्शिनी

हमारा हिन्दुस्तान प्रकृति की अनुपमा से सजा एक ऐसा जहान है ! जहाँ तृण-तृण वन शस्य और खेत खलिहान है ! राम-सीता कृष्ण की धरती, जन्म लेते जहाँ भगवान है…

स्वतंत्रता दिवस-कुमकुम कुमारी

स्वतंत्रता दिवस हजारों कुर्बानियाँ देकर यह आजादी हमने है पाई भारत माँ की रक्षा करने की कसमें हमने है खाई। फैला रखी है माएँ अपने आँचल को सीमाओं पे भारत…

दिल है हिन्दुस्तानी-रीना कुमारी

दिल है हिन्दुस्तानी थोड़े हम में है होशियारी, थोड़ी सी भी है नादानी । पलट के न कहते किसी को ऐसी नही जुबानी। फिर दिल है हिन्दुस्तानी। फिर——————- थोड़े ममता…

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