शिक्षक-लवली कुमारी

शिक्षक

शिक्षक का सम्मान जगत में,
सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने करवाया है।
ब्रह्मा विष्णु महेश से पहले,
जगत में शिक्षक का नाम आया है।
ज्ञान का दीप हमारे अंदर जगा कर,
मन को आलोकित कर हर्षाया है।
विद्या है सबसे अनमोल रत्न,
सब को यह अधिकार सिखाया है।
सही गलत की पहचान करा कर,
कर्तव्य का बोध करवाया है।
खुद की खुद से पहचान करवाना,
यह दीपक भी शिक्षक ने ही जलाया है।
सत्य पथ पर चलने का,
राह में दिखलाया है।
असफलता से जब हो निराश,
तो हौसला, सब्र का बांध भरकर हमें जगाया है।
जिंदगी की हर जंग में सफल होने के लिए,
संघर्ष करने की प्रेरणा का पाठ पढ़ाया है।
आत्मनिर्भर बनने का कौशल,
हममें शिक्षक ने ही जगाया है।
सदाबहार फूलों जैसा,
खिल-खिलाना हमें सिखाया है।
माता पिता का रूप लेकर,
हमें हमारी मंजिल तक पहुँचाया है।
मिलता रहे सम्मान शिक्षकों को जगत में, भारत भूमि की नगरी में जो यह अवतार आया है।

लवली कुमारी
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अनूप नगर
बारसोई , कटिहार

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