रक्षाबंधन-नीभा सिंह

रक्षाबंधन सावन की रिमझिम फुहार है, रक्षाबंधन का त्योहार है। रंग बिरंगी राखी लेकर, आज बहना तैयार है। मेरे भैया आएंगे, राखी का त्यौहार मनाएंगे। सूनी कलाई पर राखी बंधवाएंगे।…

तिरंगा-नीभा सिंह

तिरंगा तीन रंगों से रंगा तिरंगा, कितना प्यारा अपना झंडा। साहस और बलिदान के संग,                      केसरिया है पहला रंग। सच्चाई और…

नशा-नीभा सिंह

नशा बीड़ी, सिगरेट नहीं तुम पीना न खाना तुम गुटका, कसम खाओ नहीं करोगे किसी तरह का नशा। अगर कोई तुमको उकसाए नहीं मानना बात, झटसे उसको कह देना नहीं…

योग करें-नीभा सिंह

  योग अगर स्वस्थ रहना है सबको, जीवन सफल बनाना सबको, तो योग करें भाई क्यों करें, अपने को निरोग करें। सूर्योदय से पहले उठकर, नित्य कर्म से निवृत्त होकर,…

सुर्योदय-नीभा सिंह

सूर्योदय आज कल सुबह उठते ही कोई भागम भाग का तनाव नहीं, फूलों संग, घर संग, सभी स्थानों में एक सम्मोहन सा जगा है। ना जाने यह कैसा सूर्योदय हुआ…

विलोम शब्द-नीभा सिंह

विलोम शब्द आओ चुन्नू , मुन्नू, सोम, हम सब मिलकर सीखे विलोम। किसी शब्द का उल्टा अर्थ, वही कहलाता विलोम शब्द। इसकी सूची पर गौर करें, अंत का विलोम आदि…

स्कूल चलो-नीभा सिंह

स्कूल चलो  चलो चलो स्कूल चलो, बच्चों अब स्कूल चलो।  आया प्रवेशोत्सव का बेला चलो चलो स्कूल चलो।  चाचा, चाची, नाना, नानी, भैया, भाभी, दादा, दादी हाथ जोड़कर विनती है…

बच्चे-नीभा सिंह

बच्चे  बच्चे मन के सच्चे हैं, देखो कितने अच्छे हैं। भोली भाली सूरत इनकी, मीठी मीठी बोली है। ये सदा आज में जीते, कल की चिंता नहीं है करते। छल…