मकर संक्रांति-रूचिका

मकर संक्रांति आइये सब मिलजुलकर त्योहार है मनाइए, घर आँगन हर जगह ख़ुशियाँ हैं फैलाइये। रंग बिरंगे पतंगों की तरह छुए आसमान को, कुछ ऐसा ही जतन आप भी कर…

मकर संक्रांति-देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

  मकर संक्रांति उत्तरायणी पर्व का, हुआ सुखद आगाज। ढोल नगाड़े बज रहे, होंगे मंगल काज।। सूरज नित अभिराम है, जीवन का आधार। देव रूप पूजे सदा, सारा ही संसार।।…