प्रार्थना-दिलीप कुमार गुप्ता

  प्रार्थना  मन की शक्ति शुद्धता, शांति सर्वोत्तम प्रवाह आध्यात्मिक ऊर्जा सुक्ष्मातिसुक्ष्म बुद्धि नव विवेक सात्विक शक्ति अन्तःकरण जागरण शुद्धतम सद्भाव अन्तर्मन नवांकुरण व्यष्टि से समष्टि समृद्धि आह्वान अन्तस्थ निर्मलता…

नदियाँ-दिलीप कुमार गुप्ता

नदियाँ  पर्वत कंदराओं से होकर सरपट दौड़ लगाती नदियाँ चट्टानों से टकरा टकरा कर अवरोधों को दूर भगाती है मैदानों के चौरस वक्ष पर मद्धिम मल्हार सुनाती है कलकल बहती…

रक्षाबंधन-दिलीप कुमार गुप्ता

 रक्षा बंधन  सुमधुर स्नेहिल प्रीत का विश्वास भरा पावन बंधन बांध कलाई रेशम की डोरी शुभ संस्कार भरा रक्षा बंधन । सुमंगल थाल सजाती बहना भैया हर पल हिय मे…

मित्रता-दिलीप कुमार गुप्ता

मित्रता  मित्र संग बंधी जीवन की डोर विश्वास भरा इक स्वर्णिम भोर धूप छांव मे हाथ बंटाये सखा सखा के काम जो आए इससे जीवन मे जागृत स्फूरणा मिटे क्लेश…

क्षितिज के पार-दिलीप कुमार गुप्ता

   क्षितिज के पार  हिम वेदना को पिघलाने नयनो के अश्रुकोश लुटाने विकल मन को त्राण दिलाने अन्तर्मन छवि पावन बसाने आओ चले क्षितिज के पार । कुत्सित भाव विचार…

इस माटी की शान बढ़ाएँ-दिलीप कुमार गुप्ता

 इस माटी की शान बढाएँ  जलाकर स्वदेशी सुगंधित गुलाल लगाएँ पतंग उड़ाकर स्वदेशी स्वाभिमान का तिरंगा फहराएँ आओ! स्वदेशी अपनाएँ इस माटी की शान बढाएँ । लाखों हाथों को काम…