किसी से अब ना छुपायेंगे!
विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस पर,
किशोरी के सम्मान और सुरक्षा दिवस पर,
गाँव – गाँव हर गली – गली में अब हम,
जागरुकता फैलायेंगे ।
कठिनाइयों के वो पांच दिन को
किसी से अब ना छुपायेंगे ।
कहते हैं जिसे माहवारी,
कहने में ना हो कोई लाचारी,
ना समझो कोई इसे बिमारी ।
ईश्वर का दिया यह अद्भुत पहचान,
नारी को जो करे पूर्णता प्रदान।
बनना है उसे सृजन धर्मिनी ,
जो है सृष्टि का मूल आधार।
जिसपर निर्भर है स्वस्थ परिवार।
हम माँ, बहनो और बेटियों को,
स्वास्थ्य, सुरक्षा, सम्मान की बात बतायेंगे।
गाँव – गाँव और गली- गली में जाकर अब हम,
जागरूकता को फैलायेगें।
यह कोई अभिशाप नहीं ,
छूआछूत की बात नहीं।
शर्म हया से दबकर रहे वह,
है यह कोई पाप नहीं।
गाँव समाज से मिलकर हम तो अब,
मिथ्या भ्रांति हटायेंगे।
“मासिकधर्म” है पवित्र, सामान्य प्रकिया,
यह महिलाओं को बतलायेंगे ।
स्वच्छ अंग हो, स्वच्छ वस्त्र हो,
इस क्रम में वह आराम करे।
गंदे कपडों से होते हैं संक्रमण,
सेनैटरी पैड का प्रयोग करे ।
खान- पान हो पौष्टिकारक,
हर – दिन वह व्यायाम करे ।
माँ को अपनी सखी बनाये,
खुलकर उनसे बात करे ।
खुश रहे हरवक्त किशोरी,
सकारात्मकता उनमें भरी रहे ।
“पीरियड्स” डे पर हम भी अपने,
मन की बात बतायेंगे।
गाँव- गाँव और गली- गली में अब हम,
जागरूकता यह फैलायेंगे।
28 दिनों का मासिक चक्र है माहवारी,
पांच दिनों तक होती कठिनाई ।
सेनैटरी पैड और उपयोगी कपड़े का,
सही ढंग से निस्तारण करे ।
किशोरावस्था का है ये शारीरिक बदलाव,
इसे सहज रूप में स्वीकार करे।
गंदगी से होता यौन संक्रमण,
स्वच्छता को अपनाया करे ।
यह बात हम अपने विद्यालय में भी,
खुलकर अब उन्हें बतायेंगे।
गाँव- गाँव और गली- गली में अब हम,
जागरूकता यह फैलायेंगे।
स्वरचित:-
मनु कुमारी
प्रखण्ड शिक्षिका,
मध्य विद्यालय सुरीगाँव,
बायसी ,पूर्णियाँ ,बिहार ।
Manu kumari