हिंदी, तेरी कथा बहुत ही पुरानी है, तू आज़ादी से पहले की जुबानी है। अंग्रेजों से लड़ते समय तू स्वर बनी, वीरों के होठों की तू रवानी है। तूने सिखाया देश के लिए मरना, हर दर्द को मुस्कुरा कर सहना। तू संस्कृति की संजीव पहचान है, भारत के दिल की तू जान है। आज भी तू लड़ रही है चुपचाप, अन्य भाषाओं के बीच तेरा विलाप। पर हम तुझे अब भूलने न देंगे, हर दिन तेरा मान बढ़ाएंगे। तू ही तो हिंद की शान है, हम सबकी तू पहचान है। आओ मिलकर प्रण ये करें, हिंदी को फिर ऊंचाई पर पहुंचाएं। हिंदी -तू सिर्फ भाषा नहीं , तू भारत की आत्मा है।
अनुगूंज हिंदी कविता – SHATRUGHNA KUMAR
0 Likes
