आजादी का नव विहान- ब्युटी कुमारी

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आजादी के लिए यातना सहकर,

सूरमा नहीं विचलित हुए,

विघ्न बाधाओं से लड़कर,

गुलामी से मुक्ति दिलवाए।

बाबू वीर कुँवर सिंह ने,

हाथों की बलि चढ़ाई।

आजाद लड़ते-लड़ते,

अंतिम गोली खुद खाकर,

वीरगति को प्राप्त हुए।

आजादी की खातिर

भगत सिंह सुखदेव राजगुरु

हँसते-हँसते, फाँसी को गले लगाए।

जय हिंद का नारा

गूँजा सारे हिंदुस्तान में,

बोस ने जोश भर दी,

स्वतंत्रता संग्राम में।

सत्य अहिंसा के पुजारी

बापू महान थे।

भारत-भू के लिए

उनके कर्म प्रधान थे।

वीरों की कुर्बानी से,

भारत आजाद हुआ।

आजादी के उद्घोष में

वीरों की गाथा गाए।

हे जननी! जन्मभूमि तेरे

रक्षक को सहस्त्र बार नमन।

बजी दुदुंभी आजादी की,

गूँज उठे अवनि अंबर।

भारत की वसुंधरा पर

स्वर्ग आया उतर।

गुलामी का तिमिर छटा

आया आजादी का नव विहान।

उठो धरा के वीर सपूतों

नवभारत का निर्माण करो।

ब्यूटी कुमारी

प्रभारी प्रधानाध्यापिका

मध्य विद्यालय मरांची

बछवारा,बेगूसराय।

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