(स्वरचित कविता)
।। तेरा भारत बोल रहा हूं मैं ।।
एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी की कहानी सुना रहा हूं मैं,
तेरा भारत बोल रहा हूं मैं।
देश के खातिर जिन्होंने पूरा जीवन दान किया,
महामना से प्रसिद्ध हुए जो,
उनकी जीवनी गा रहा हूं मैं,
तेरा भारत बोल रहा हूं मैं।
तेरा भारत बोल रहा हूं मैं।।
25 दिसंबर को जब पूरा पश्चिम मना रहा था क्रिसमस का त्यौहार,
उसी दिन सन् 1861 में लिया महामना जी ने अवतार,
सत्य ,आत्मत्याग और देशभक्ति में जो थे सबसे अद्वितीय,
इस युग के आदर्श पुरुष की कहानी सुना रहा हूं,
मैं तेरा भारत बोल रहा है मैं।
तेरा भारत बोल रहा हूं मैं।।
पत्रकारिता ,समाज-सुधार एवं मातृभूमि की सेवा,
यही थे उनके पूरे जीवन की मेवा,
स्वयं ‘बापू’ ने जिसे अपने बड़े भाई का पद दिया,
ऐसे कर्मवीर की गाथा सुन रहा हूं मैं,
तेरा भारत बोल रहा हूं मैं।
तेरा भारत बोल रहा हूं मैं।।
अंधकार जब शिक्षा पर ब्रिटिश शासन का छाया,
बी.एच.यू. की स्थापना कर तब महामना ने दीप जलाया,
‘सत्यमेव जयते’ का राष्ट्रीय उद्योष वाक्य जिसने दिया,
ऐसे महापुरुष को प्रकार गौरवान्वित हो रहा हूं मैं,
तेरा भारत बोल रहा हूं मैं।
तेरा भारत बोल रहा हूं मैं।।
— आदर्श कुमार
(गांव – भेकास, जिला – कैमूर (भभुआ), बिहार)
Adarsh Kumar