कथी ल कैलहो बियाह हमर पक्का
उमरिया नय होल छै बियाह के हो पप्पा
उमरिया नय होल छै बियाह के हो पप्पा ससुरा में हमरा से चूल्हा फुकबैतै छोट छोट बतिया पर गारी सुनयतै छोटी उमर में होय जैतै छोटी लइका उमरिया नय होल छै बियाह के हो पप्पा हमरो बियाह में जे देभो दहेजबा घर बेचभो खेत बेचभो बेचभो ख़लीहनवा करो कुटमैती से लेभो करजबा दानों दहेजो में होय जैतय खूब खर्चा उमरिया नय होल छै बियाह के हो पप्पा हमरा पढयभो जे हमरा बढ़यभो कॉलेज में हमर जे नमवा लिखयभो बनबै कलक्टर होतय खूब चर्चा तोरा दुअरिया पे होतय चार चकवा उमरिया नय होल छै बियाह के हो पप्पा
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Pamita kumari