मातु भवानी सुन- स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

 

ममतामयी मातु भवानी सुन,

आद्या जननी तू सद्गति दे।

इहलोक में जगदम्बा सुन ले,

भवप्रीता मुझे शरणागति दे।

ममतामयी मातु भवानी सुन।

मैं मूढ़मति तू सुन आर्या,

हे महातपा मुझे सन्मति दे।

मेरे जीवन में सती गति दे,

मम कष्ट हरण भव्या कर दे।

ममतामयी मातु भवानी सुन।

हे चित्रा हिय अब आन बसो,

तन -मन निर्मल सुंदरी कर दे।

प्रणाम कोटिशः त्रिनेत्रा,

चित्तरूपा तू सत्चित् अब कर दे।

ममतामयी मातु भवानी सुन .

नमन हे साध्वी जया तुम्हें,

हे शिवा अहर्निश तप कर ले।

माया तेरी भाविनी अद्भुत,

हे मातंगी मुझको तप दे।

ममतामयी मातु भवानी सुन..

हे रत्नप्रिया विनती सुन ले,

मन पाप मुक्त आद्या कर दे।

मैं अज्ञानी खल कामी चिन्ते,

हे सर्वप्रिया तम अब हर ले।

ममतामयी मातु भवानी सुन

स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या ‘

उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय

शरीफगंज, कटिहार

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