भारत का गौरव बिहार- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

Jainendra

जो गौतम की है तपोभूमि,
जिसे महावीर का मिला प्यार,
वह भारत का गौरव बिहार।।
कोसी, फल्गु, बूढ़ी गंडक,
इस धरती को पहुंचाती ठंडक,
सदियों से है पावन करती,
बहती गंगा की विमल धार।
वह भारत का गौरव बिहार।।
राजगृह का राजा जरासंध,
बल-पराक्रम से था मदांध,
श्री कृष्ण की सेना मथुरा में,
जिससे कभी खाई थी मार।
वह भारत का गौरव बिहार।।
सूर्यपुत्र कर्ण सा महादानी,
मंडन मिश्र-चाणक्य थे ज्ञानी,
उभय भारती एक महिला से,
आदि शंकर नहीं पाए थे पार।
वह भारत का गौरव बिहार।।
पानी अमृत इसका, माटी चंदन,
दुनिया करती थी पद-वन्दन,
अखिल विश्व में ज्ञान केन्द्र था,
विक्रमशिला ‘नालंदा विहार’।
वह भारत का गौरव बिहार।।
यहां विश्वामित्र थे तपोनिष्ट,
ऋषि-मुनियों में अति श्रेष्ठ,
जहां राम ने आकर बक्सर में,
राक्षसी ताड़का का किया संहार।
वह भारत का गौरव बिहार।।
हुए महान अशोक, चंद्रगुप्त मौर्य,
लिखा मगध की धरती पर अमित शौर्य,
जो मान मुकुट, सिंहासन तज,
किया बौद्ध धर्म को अंगीकार।
वह भारत का गौरव बिहार।।
यहां शेरशाह, कुवँर सिंह वीर हुए,
हजरत मकदुम शाह पीर हुए,
जहां सिख धर्म के महानायक,
श्री गुरु गोविंद सिंह लिए अवतार।
वह भारत का गौरव बिहार।।
थे सौरमंडल वेता आर्यभट्ट,
गणितज्ञ रामानुजम, श्री वशिष्ठ,
जहां विद्यापति की भक्ति से,
शिव सेवक बन आए थे द्वार।
वह भारत का गौरव बिहार।।
जहां ‘दिनकर’ की फैली रश्मिरथी,
भिखारी ठाकुर की भोजपुरी कृति,
जहां शारदा सिन्हा, विंध्यवासिनी के,
लोकगीतों की बरसती फुहार।
वह भारत का गौरव बिहार।।
हुए प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद,
संपूर्ण क्रांति नायक जयप्रकाश,
जहां चंपारण में महात्मा गांधी ने,
गोरों के विरुद्ध किया था हुंकार।
वह भारत का गौरव बिहार।।
जहां मां सीता ने अवतार लिया,
लोकतंत्र ने था आकार लिया,
उस सीतामढ़ी, वैशाली का,
गाते हम गाथा बार-बार।
वह भारत का गौरव बिहार।।

जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि. बख्तियारपुर, पटना

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