भारत देश
सखे यह भारत देश हमारा,
हमें लगता प्राणों से प्यारा।
कहीं हैं पर्वत ऊँचे ऊँचे ,
जो सदा ही गगन को छूते।
कही हरे भरे खेत मैदान,
धानी रंग से सजा हिंदुस्तान।
कही कल कल करती नदियाँ,
कहीं दूर तक फैला रेगिस्तान।
वन्दे मातरम की गीतों में हो,
जहाँ भारत की सदा जयगान।
कहीं मंदिरों में बजते घंटे,
कही मस्जिद में गूँजे अजान।
कही यीशु के लिए हो प्रेयर,
कही वाहे गुरू के लिए सब नाम।
फिर भी एक राष्ट्र भारत,
हम सब उसकी हैं संतान।
एक ध्वज,एक संविधान,
जन गण मन है राष्ट्रीय गान।
सखे यह भारत देश हमारा,
हमें लगता प्राणों से प्यारा।
रूचिका
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेनुआ,
गुठनी सिवान बिहार
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