मनहरण घनाक्षरी पुलवामा के शहीद
छिपकर कायरों ने,सेना पर घात किया,
वीरों तेरा बलिदान, व्यर्थ नहीं जाएगा।
भारत माता के लिए, जान पर खेल गए,
तेरा बलिदान तुम्हें, अमर बनाएगा।
पीठ पीछे छिप कर, सेना पर वार किया,
गीदड़ का बच्चा कभी, शेर न कहाएगा।
सारे वीर जवानों ने, हंसकर कुर्बानी दी,
देश तेरा योगदान, नहीं भूल पाएगा।
साम दाम दंड भेद, जब नहीं काम आए,
देश के सपूत सभी, खून भी बहाएगा ।
शरण में जो भी आया, सब ने अभय पाया,
दुश्मनी को भूलाकर, गले भी लगाएगा।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मध्य विद्यालय बख्तियारपुर,
(पटना)
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