रूप घनाक्षरी – रामकिशोर पाठक

अनुपयोगी का साथ,
हानिकारक का हाथ,
प्रदूषण कहलाता,
बिगड़ जाता है काज।

भूमि जल वायु संग,
ध्वनि प्रकाश का ढंग,
या तकनीकी संचार,
सभी प्रदूषित आज।

प्लास्टिक को रोककर,
पेड़ पौधे रोपकर,
नियंत्रित हैं करते,
प्रदूषण का मिजाज।

बदल रहा संसार,
दूषित हुआ विचार,
व्यवहार में सुधार,
क्या ला पाएगा समाज।

राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश पालीगंज, पटना

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