शिक्षक की गरिमा है अपनी ,
सबके अपने अपने संस्कार हैं ।
अपनी अपनी विद्वता है उनकी ,
यही देते अनुपम उपहार हैं ।
शिक्षक के बिना ज्ञान न होता ,
शिक्षक ही बच्चों के कुम्भकार हैं ।
शिक्षक की गरिमा संपूर्ण विश्व में ,
यही सर्वोत्तम ज्ञानों के भंडार हैं ।
शिक्षक ही ऐसे होते जो ,
माता पिता से भी महान हैं ।
जिन्हें शिक्षक अच्छे हैं मिलते ,
सच में वे बड़े भाग्यवान हैं ।
माटी से सोना बनाना ,
उनके ही कर की बात है ।
शिक्षक का जो आदर करता ,
नहीं होता उसका कोई घात है ।
शिक्षक का बड़ा दायित्व है ,
बच्चों में नित ज्ञान भरना ।
जो छात्र बढ़ रहे नित आगे ,
उन्हें सहज संज्ञान करना ।
शिक्षक ही हैं ज्ञान के सागर ,
वे ही शिक्षा का अलख जगाते हैं।
ज्ञान विज्ञान की तमाम रश्मियों को ,
वे ही छात्रों के पास बुलाते हैं ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा जिला मुजफ्फरपुर
