सीढ़ी
घर के कोने में
सुबकती सीढ़ी
जिसे हम अक्सरहां
भूल जाते हैं
बना डालते हैं
उसे एक स्टोर रूम…
जहाँ महीनों का पड़ा समाचार पत्र
जम्हाइयां लेता रहता है
और/ बेकार सी पड़ी चीजों का
बन जाता है
अनूठा संग्रहालय…
इस्तेमाल का मुहावरा बनती सीढ़ियां
चढ़ कर लोग
भूल जाते हैं कि
हवाई किला बनाना जितना आसान है
उतना ही मुश्किल है
बिना सीढियों के उस पर चढ़ना …
बाज दफे लोग
शोहरत पाने की खातिर
लोगों को ही बना डालते हैं सीढ़ियां
और/ मशहूर होते ही
फौरन उसे परिणत कर देते हैं
एक कचरे के डिब्बे में…
हाँ सीढ़ियां होती ही हैं
इस्तेमाल के लिए …
सीमा कुमारी,
राजकीयकृत मध्य विद्यालय बीहट
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