सेवानिवृत्त शिक्षिका का सफर

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सेवा काल से सेवानिवृत्ति तक, अपनी छटा दिखा गई।
अपने आरजू के बल पर,
सपनों की मंजिल को पा गई।

विद्या की प्रतिमूर्ति बन, बालिकाओं में आशा के दीप जला गई।
सेवाकाल से सेवानिवृत्ति तक, अपनी छटा दिखा गई।
अदम्य साहस के बल पर,
कांटो भरे पथ को
एक चुनौती मान,
अपनी बाधाओं पर विजय पा गई।
मृदुलता और सरलता के कारण, अपने सहचरों के दिल पर,
मर्यादा की छाप दिखा गई। सेवाकाल से सेवानिवृत्ति तक, अपनी छटा दिखा गई ।

मानवता का संदेश देकर,
धर्म-अधर्म का पाठ पढ़ा कर, अपने परायों का भेद मिटाकर, विद्यालय की इस पावन धरा पर, अपनी एक छवि बिठा गई।

अशिक्षा रूपी अंधकार को मिटाकर,
शिक्षा रूपी दीप को जला गई।
सेवाकाल से सेवानिवृत्ति तक, अपनी छटा दिखा गई।

जीवन के अंतिम पड़ाव में, विद्यालय कार्य से मुक्त होकर, पारिवारिक दायित्वों का संकल्प लेकर,
अपने अनुजों को अश्रुपूर्ण भाव से देखकर,
चेहरे पर उमंग की आभा लिए,
साधारण नारी से ऊपर उठकर, अपने कुल के यश को फैला गई। सेवाकाल से सेवानिवृत्ति तक,
अपनी छटा दिखा गई।

रागिनी कुमारी

राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय पटना सिटी पटना

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Dr.Ragni kumari

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