हिंदी हृदय की वाणी है-नीतू रानी

Nitu

हिंदी हृदय की वाणी है,
बचपन में मैंने सुनी अपनी नानी से
हिंदी में नयी कहानी है ।

भाषा की जननी है हिंदी , साहित्य की गरिमा हिंदी ,
जन -जन में बोले जाने वाली ,वो राष्ट्र भाषा भी हिंदी।

भारतेंदु हरिश्चंद्र वो भी,जनक रहे हिंदी के,
हिंदी भाषा से लगाव था उनको ,
इसलिए पिता कहलाए वो हिंदी के।

कवियों में हरिवंश राय बच्चन,
महादेवी वर्मा , प्रेमचंद, रेणु जी,
हिंदी भाषा के थे विद्वान कवि वे ,
दीनबंधु निराला जी भी ।

सबसे सुगम है भाषा हिन्दी ,
सबके प्रिय हैं भाषा हिन्दी ,
नन्हें बच्चों के मुख से तुतलापन ,
निकली हुई मधुर भाषा भी हिंदी।

मेरे देश की भाषा हिंदी , पहचान भी मेरी हिंदी,
शान भी मेरी हिंदी , सम्मान भी मेरी हिंदी।
सरल भाषा है हिन्दी , सुलभ भाषा है हिन्दी इसलिए तो सबसे प्रिय है,और सबसे अलग भी है मेरी हिंदी,
जो कभी न की जा सकती ,इसकी कोई भी गिनती।

देखो आज है हिन्दी दिवस ,सभी के मन हैं अति प्रसन्न,
इसलिए तो नीतू रानीआज हिन्दी को ,
हिन्दी दिवस पर करती है ,उनको शत -शत नमन ।

नीतू रानी
प्र०शि० बायसी पूणि॔याँ बिहार।

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply