हिन्दी है मेरी पहचान – ASHISH AMBAR

काव्य :- हिन्दी है मेरी पहचान

करते हैं तन – मन से वंदन ,

जन – गण – मन की अभिलाषा का ।

अभिनंदन अपनी संस्कृति का,

आराधन अपनी भाषा का ।

यह अपनी देश के माथे की चंदन – रोली,

माँ के आँचल की छाया में हमने जो सीखी है बोली ।

जिसने पूरे देश को जोड़े रखा है, वो मजबूत धागा हिन्दी है ।

हिन्दुस्तान की गौरव गाथा हिन्दी है,

एकता की अनुपम परम्परा हिन्दी है।

जिसके बिना हिन्द थम जाए ,

ऐसी जीवन रेखा हिन्दी है ।

जिसने काल को जीत लिया है,

ऐसी कालजयी भाषा हिन्दी है ।

सरल शब्दों में अगर कहा जाए तो,

जीवन की परिभाषा हिन्दी है।

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