माँ की याद- संजय कुमार

बहुत याद आती है माँ तुम्हारी अब वो आँचल कहाँ से लाऊँ, जहाँ छुपाकर हर दुख से मुझे बैठकर आपने थी रात गुजारी। कहाँ गयी मुझे छोड़कर माँ, बहुत याद…

लोक-लज्जा- अवनीश कुमार

ख़ून से लथपथ एक काया. फ़ेंका गया था लहरताल मे उपजी झाड़ियों मे रो रहा था शिशु बिलख-बिलख कर ईश्वरीय संयोग हुआ कुछ ऐसा नव विवाहित युगल की बग्घी उतरी…

माँ – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

निज कर्म से इंसान, बनाता है पहचान, पिता तो पालक होते, जन्म देती माता है। बच्चों को देती संस्कार, सिखाती है व्यवहार, जननी के साथ होती, भाग्य की विधाता है।…

मेरी मां – विवेक कुमार

आओ सुनाता हूं अपनी कहानी, निःस्वार्थ प्रेम की कहानी, अपनी जुबानी मां के छोटे शब्द में ब्रह्मांड है समाई, दुख दर्द सहे ठोकरे खाई, जन्म दे मुझे धारा पर लाई,…

माॅ॑ – नीतू रानी

पितु सु माता सौ गुणा सुत को राखै प्यार , मन सेती सेवन करै तन सु डाॅ॑ट अरु गारि। इसका अर्थ। पितु सु माता सौ गुणा -यानि पिता से माता…

मां – नवाब मंजूर

जिसके साए तले बढ़ते हैं राजा और रंक या फिर हो कोई मलंग जन्म से लेकर जवानी तक उसी के इर्द-गिर्द घूमते हैं? एक शागिर्द की तरह। हर खुशी हर…