बिहार गाथा-संयुक्ता कुमारी

Sanyukta

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बिहार गाथा

आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं
झांकी अपने बिहार की,
सब मिलकर प्रणाम करो
यह धरती है बौद्ध बिहार की।

उत्तर में नेपाल देश
दक्षिण में झारखंड है।
पूर्व में पश्चिम बंगाल
पश्चिम में यूपी उत्तराखंड है।।

देखो यहअपना बिहार रेजीमेंट
यहाँ तैयार होती वीर
जवानों की टोलियाँ।
मत पूछो कारगिल युद्ध में
इन वीरों ने सीने पर झेले
कितनी गोलियाँ।
यहां के जवान लगा देते हैं
बाजी अपनी जान की।
सब मिलकर प्रणाम करें
यह धरती है बौद्ध विहार की।।

देखो यह बिहार के शाहाबाद
जहां वीर कुंवर सिंह डोला था।
अंग्रेजों के ताकत को जिसने
तलवारों से तोला था।
80 साल की उम्र में इनके
सीने में धड़क रहा शोला था।
लगी गोली अंग्रेजों की गंगा
मैया में बाजू काट फेंका था।
वीर कुंवर ने अंतिम तक रखी
लाज अपनेआन, बान, शान की।
सब मिलकर प्रणाम करें
यह धरती है बौद्ध विहार की।।

नालंदा विश्वविद्यालय और
विक्रमशिला यह देखो
पढ़ते थे यहां विश्व
विद्वानों की टोलियाँ।
12वीं शताब्दी में जला
दिया विश्व धरोहर की होलियाॅं।
मत पूछो बख्तियार खिलजी
ने क्यूं बरसा दी आग की गोलियाँ।
मर मिटे कितने धर्माचार्य
और बौद्ध भिक्षुओं की टोलियाँ।
शिक्षा का यह मंदिर अपने
बिहार की शान थी।
सब मिलकर प्रणाम करें
यह धरती बौद्ध विहार की।।

यह देखो बौद्ध गया जहॉं
बुद्ध ने ज्ञान पाया था।
पित्र पक्ष में तर्पण होती,
पितरों ने भी मुक्ति पाया है।
महाबोधि मंदिर में हर
धर्म ने सर नवाया है।
सांची स्तूप हमारी सभ्यता
और संस्कृति की पहचान बनी।
सब मिलकर प्रणाम करें
यह धरती बौद्ध विहार की।।

आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं
झांकी अपने बिहार की
सब मिलकर प्रणाम करें
यह धरती बौद्ध विहार की।।

संयुक्ता कुमारी
कन्या मध्य विद्यालय मलहरिया
प्रखंड- बायसी
जिला- पूर्णिया बिहार

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