हिंदी हिंदुस्तान की-विवेक कुमार

Vivek

Vivek

हिंदी हिंदुस्तान की

देवभाषा जिसे कहा जाता,
संस्कृत का सरलतम रूप,
दूसरी भाषाओं से अनुकूल,
भाषाओं की जो जान है,
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।

जन जन की यह भाषा है,
हिंदी ही हमारी राष्ट्रभाषा है,
पूरे हिंद को जिसने एकसूत्र में बांधा,
भारत की है जो आशा,
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।

आर्यावर्त का जो मान बढ़ाता,
हिंदुस्तान का वो गौरवगाथा,
जीवन की जो है परिभाषा,
वही हमारी हिंदी भाषा,
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।

सबसे प्यारा सबसे न्यारा,
सब भाषा से सरस भाषा
हमारी जो पहचान बताता,
जन जन का यह है अभिमान,
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।

हिंदी हमारी आन बान शान,
फिर इसे भूले क्यों इंसान,
हिंदी दिवस पर ही होता भान,
यह है इसकी उपेक्षा समान,
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।

आज तक जिसे मिला न इसका हक,
अपेक्षा के विपरीत होता है शक,
यही रहता हर पल कसक,
मिले उसे वाजिब हक,
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।

यही है हमारी शान,
क्यों न बोले हम सीना तान,
चलो आज करते है भान,
कभी न करें हिंदी का अपमान,
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।
वो हिंदी हिंदुस्तान की।।

हर हिंदुस्तानी की मान,
हिंदी हमारी जुबान,
करें इसका गुणगान,
इसकी वाणी अमृत समान,
ये हिंदी हिंदुस्तान की।।
ये हिंदी हिंदुस्तान की।।

हर दिल का अरमान,
न भूलेंगे, न भुलाएंगे,
जग में इसका मान बढ़ाएंगे
आज ये प्रण करते है आम,
हिंदी ही हमारी पहचान,
है हिंदी हिंदुस्तान की।।
है हिंदी हिंदुस्तान की।।

✍️विवेक कुमार
उत्क्रमित मध्य विद्यालय गवसरा मुशहर
(स्व रचित एवं मौलिक)

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