नया साल-नीतू रानी “निवेदिता”

Nitu

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नया साल

नया साल आया है,
नयी उमंगें लाया है।

लाया नव वर्ष का त्योहार,
खुशियों से झूम उठे बच्चे, बूढ़े और नर-नारी।

नया साल आया है,
बसंत बहार लाया है।

लाया मकर संक्रान्ति का त्योहार,
संग में चूड़ा-दही, मिठाई, तिल खिचड़ी, पापड़, दही, अचार।

नया साल आया है,
खुशियों की सौगात लाया है।

लाया छब्बीस जनवरी राष्ट्रीय त्योहार,
आसमान में फहड़ेंगे ध्वज लाखों-लाख।

नया साल आया है,
नयी उमंगें लाया है।

लाया बसंत पंचमी का त्योहार,
माॅ॑ वीणा-वादिणी की होगी जय-जयकार।

नया साल आया है,
खुशियों की फुहार लाया है।

लाया होली का त्योहार,
छूटेंगे रंग, अबीर-गुलाल।

नया साल आया है,
खुशियों की बौछार लाया है।

लाया पुण्य, पूजा-पाठ,
छोड़कर आया पाप हजार।

नया साल आया है,
खुशियों का बादल छाया है।

लाया स्वस्थ समाज,
मिटाकर कोरोना महामारी।

नया साल आया है,
खुशियों की वंशी बजाया है।

नीतू रानी “निवेदिता”
पूर्णियाॅ॑ बिहार

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