आस्था का पर्व-अशोक कुमार

Ashok

आस्था का पर्व

आओ मकर संक्रांति मनाएं,
एक दूजे के गले लग जाएं।
अपनी संस्कृति को बचाएं,
प्रेम की धारा बहाएं।।

सुबह सुबह स्नान करें,
सूर्य को नमस्कार करें।
दही दूध तिल खाएं,
आओ हम लोहड़ी मनाएं।।

आओ हमसब मिलकर दान करें,
अपनी संस्कृति का पहचान बनें।
गरीबों को हम अन्न दान करें,
खुद अपनी पहचान बनें।।

आसमान में उड़ती पतंगें,
सैर सपाटा लगाती पतंगे।
इसको काटा उसको काटा,
मिलकर रहने की देती संदेश।।

बच्चों में उत्साह भरा,
नई खुशियां लाई पतंगे।
सब ने सबसे ऊंचा उड़ाई,
एक दूसरे को काटती पतंगे।।

पतंगों से बाजार सजी है,
यह उत्सव की घड़ी है।
रंग बिरंगी पतंगे,
मन को लुभाती पतंगे।।

अशोक कुमार
न्यू प्राथमिक विद्यालय भटवलिया
नुआंव कैमूर

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