स्वतंत्र भारत-संयुक्ता कुमारी

Sanyukta

स्वतंत्र भारत

15 अगस्त वो शुभ दिन है
देशवासियों के पूरे हुए सपने।
इस शुभ दिन के लिए वीरों ने सर
पे कफन बांध निस्वार्थ दिये थे प्राण अपने।।

है अपना देश ये वीरों का 🇮🇳
वीरांगना भी पीछे नहीं।
सरोजनी लक्ष्मी अहिल्या पद्मिनी
अनेक हैं ये देवियाँ गिनती नहीं।।

होती तो है इनके हाथों में मेहंदी चूड़ी और पांव में पायल छनके।
पर बात आए देश की आन पर तो छुड़ा सकती है दुश्मन के छक्के।।🇮🇳

मिली हमें आजादी बापू के 🇮🇳
सत्य अहिंसा की राहों में।
कस्तूरबा भी तो साथ निभाई
बापू के हर इरादों में।।

रही हमारी बहनें भी सरहदों पे?
कदम पीछे की कभी नहीं। 🇮🇳
झाँसी की रानी ने धूल चटा दी
पर मैदान से हटी नहीं।।

सच्ची श्रद्धांजलि यही हमारी🇮🇳
अपनाए मानवता और प्रेम।
नजर उठा कर देखे दुश्मन
जो हमारे देश को
हम एकता से उड़ा दे उनका
अमन और चैन।।

हो हमारा ऐसा भारत कहीं भी🇮🇳 भ्रष्टाचार का नाम ना हो।
बेगुनाहों का कही कत्लेआम न हो।।

हो चहुँ ओर शान्ती कहीं द्वेष का स्थान न हो।🇮🇳
नारी की अस्मत का कहीं व्यापार न हो।

सच्ची स्वतंत्रता हमें उस दिन मिलेगी।
जब नारी हर जगह सुरक्षित रहेगी।।

बेटियों को भी आगे बढाए
इनका करें सम्मान।
श्रद्धांजलि दे वीरों को हम भारत माता का करें जय गान।।🇮🇳

बने हर भारतवासी कार्य में अभ्यस्त।
आने वाली पीढ़ी भी हो आश्वस्त।🇮🇳

स्वतंत्रता का अर्थ हम समझे भारत माँ का हो ऐसा स्वरुप।
सत्यमेव जयते और इंकलाब🇮🇳
का हमेशा दिल में रहे प्रारूप।।

हर दिन हो हमारा 15 अगस्त।🙏
दुश्मन भी हो हमारे इरादों से पस्त।।

है हमारा आजाद भारत, तिरंगें 🇮🇳
का करें सम्मान ।
निज स्वार्थ न देखें हम 🇮🇳
देश हित का हो अभिमान ।।

संयुक्ता कुमारी
क. म. वि. मलहरिया
बायसी पूर्णिया

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