हिंदी मेरी जान-विवेक कुमार

IMG_20210406_191707_copy_399x511.jpg

अभिव्यक्ति का माध्यम है हिन्दी,
दिल में प्रेम जगाती हिंदी,
जीवन सरस बनाती हिंदी,
हिंदी से ही है हमारी शान,
हिंदी ही हमारा अभिमान,
हिंदी मेरी जान, हम इसपर कुर्बान।

हिंदी से होती हमारी पहचान,
इससे बढ़ता राष्ट्र का मान,
हर क्षेत्र में अपना सिक्का जमाती,
लोगों के मन को है लुभाती,
भाव का करती संचार,
हिंदी मेरी जान, हम इसपर कुर्बान।

जो पूरे राष्ट्र को एकसुत्री धागा में है जोड़,
वो मजबूत डोर है हिंदी,
जन-जन की भाषा है हिंदी,
प्रेम भाईचारे का प्रतीक है हिंदी,
इतना बेमिसाल जिसकी पहचान,
हिंदी मेरी जान, हम इसपर कुर्बान।

विशेषताओं से भरे भाषा का,
हक जो चाहिए मिला नहीं,
आओ मिलकर करें प्रचार,
हिंदी का करें खूब विस्तार,
मिलेगा इसे पूरा सम्मान,
हिंदी मेरी जान, हम इसपर कुर्बान।।

विवेक कुमार

Vivek Kumar

Leave a Reply

SHARE WITH US

Share Your Story on
info@teachersofbihar.org

Recent Post

%d bloggers like this: