आओ प्यारे बच्चों आओ-रानी कुमारी

आओ प्यारे बच्चों आओ

हँसते-गाते, झूमते आओ
आओ प्यारे बच्चों आओ।

आओ इन पौधों से मैं बात करा दूँ,
फूलों के चटकील रंग दिखा दूँ
भौरों के मीठे गीत सुना दूँ,
सैर करा दूँ आज बगिया की
आओ प्यारे बच्चों आओ।

वो बड़ा पेड़ आम, नीम, पीपल,
बेल, साल और शीशम देखो
इनसे ही बगिया में हरियाली है,
कुछ पल हम इनकी छांव में सुस्ताएँ 
आओ प्यारे बच्चों आओ।

फल और लकड़ियों का भंडार
इस पर पंछी बहुतेरे करते निवास
प्राण वायु का यह मुख्य श्रोत
इनसे झटपट मित्रता कर लें हम
आओ प्यारे बच्चों आओ।

गुलाब, गेंदा, चम्पा, चमेली, रजनीगंधा,
भाँति-भाँति के फूल खिले हैं
बगिया की ये बढ़ाते शोभा,
इनकी खुशबू से सांसों को महकाएँ
आओ प्यारे बच्चों आओ।

फूलों का मधुर रस पी-पीकर
भौंरे गुन-गुन-गुन-गुन करते हैं
रंग-बिरंगे तितलियों के पीछे
मस्ती में दौड़ें-भागें हम
आओ प्यारे बच्चों आओ।

ये जो क्यारी में नन्हें पौधे हैं,
कल को पेड़ बड़े बन जाएँगे
हरियाली ये लाएँगे, बारिश खूब कराएँगे
हम मिलकर इन्हें संभालें, इन्हें बचाएँ
आओ प्यारे बच्चों आओ।

हँसते-गाते, झूमते आओ
आओ प्यारे बच्चों आओ।

रानी कुमारी
पूर्णियाँ, बिहार

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