संगत-रानी कुमारी

संगत भावपूर्ण शब्दों के संगत से रचता है गीत। सुर, ताल और लय के संगत से सजे मधुर संगीत। खाली दीया का भाई मोल नहीं कुछ खास। तेल-बाती के संगत…

आओ करें वन की रखवाली-रानी कुमारी

आओ करें वन की रखवाली छोटे-छोटे, बड़े-बड़े पेड़-पौधे हरे-भरे जीव-जगत के रखवाले धरती माँ के ये गहने सारे। पशु-पक्षियों ने पेड़ों पर अपना घर बसाया है तपती धूप में हमें…

पेड़-रानी कुमारी

पेड़ सारी सृष्टि सुशोभित मुझसे युगों-युगों से राज है मेरा न जाने कितनी कहाँनियाँ समाहित है मुझमें आज मैं अपने बारे में कुछ बतलाता हूँ हाँ, मैं एक पेड़ कहलाता…

मुनिया मेरी पढ़ेगी-रानी कुमारी

मुनिया मेरी पढ़ेगी अब मुनिया मेरी पढ़ेगी किस्मत अपनी गढ़ेगी। बस्ता अपना उठाएगी रोज विद्यालय जाएगी हाथ पेंसिल पकड़ेगी स्लेट पर अक्षर उकेरेगी। अब मुनिया मेरी पढ़ेगी किस्मत अपनी गढ़ेगी।…

वर्षा-रानी कुमारी

वर्षा तपी हुई थी धरती, गर्मी के प्रकोप से चुपके-चुपके एक बूँद गिरी बादलों के ओट से पंछी चहके, धरती महके, सौंधी-सौंधी खुशबू लाई वर्षा आई, वर्षा आई वर्षा है…

हिंदी सबको जोड़ने वाली-रानी कुमारी

हिंदी सबको जोड़ने वाली तेरी तोतली जुबान से तुतलायी हूँ लोरियों संग झूम-झूम तुम्हें मीठी नींद सुलायी हूँ। तेरी किलकारी में मैं ही पुलक-पुलक कर किलकी हूँ। मैं तेरी मातृभाषा…