आई दिवाली खुशियों वाली – विवेक कुमार

Vivek kumar

देखो पावन दिवस है आया,
तन मन में उमंग है छाया,
बच्चे बूढ़े या हो जवान,
सबके जिव्हा एक ही नाम,
मनभावन रौशन वाली,
तम को दूर भगाने वाली,
आई दिवाली दीपों वाली।

असत्य पर सत्य हो विजयी,
अंधकार का प्रकाश से हो विदाई,
नकारात्मकता जो दूर भागती,
सकारात्मकता संग ले आती,
हर्षित मन उल्लास संग,
तम को दूर भगाने वाली,
आई दिवाली दीपों वाली।

ईर्ष्या द्वेष मिटाने वाली,
आशा के दीप जलाने वाली,
बंधुता का पाठ पढ़ाने वाली,
संगी साथी को पास बुलाती,
नव निर्माण कराने वाली,
तम को दूर भगाने वाली,
आई दिवाली खुशियों वाली।

आओ चलो एक दीप जलाएं,
नव निर्माण का अलख जगाएं,
रिश्तों की एक ज्योत जगाएं,
मिलकर सब एक राग गाएं,
प्रेम भाईचारा जन जन को भाए,
तम को दूर भगाने वाली,
आई दिवाली खुशियों वाली।।

विवेक कुमार
उत्क्रमित मध्य विद्यालय,गवसरा मुशहर

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