हिंदी अपनी धरोहर – मधु कुमारी

Madhu

 

गूँज रही हिंदी जग में

हो रहा जय जयकार।

देखे थे जो स्वप्न हमने,

धीरे-धीरे हो रहा साकार।

कवि की सुंदर वाणी हिंदी,

निकाले मन के सारे विचार।।

तुलसी-कबीर-रसखान

गुणगान करे खूब मल्हार।।

समर्पित स्वभाषा-प्रेम में,

कैद हुआ समर्पित कविराय।

शब्दों को सजाए और

सुशोभित करे अलंकार।।

ताज-जैसा है सुशोभित,

हिंदी है विरासत और धरोहर,

इसलिए कीजिए सदा

हिंदी की जय जयकार।।

मधु कुमारी ‘शिक्षिका’

उत्क्रमित मध्य विद्यालय
भदौरिया, कटिहार

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