देखो कदम न डगमगाए-कुमकुम कुमारी

देखो कदम न डगमगाए

बाधाएँ आती है, आएगी,
यह देख न घबराना तुम।
अपनी मंजिल पाने को,
सत्य पथ पर ही बढ़ते जाना तुम।

अगर आज है अंधेरी रात,
तो कल होगा दिन उजाला भी।
इस विश्वास को जगाना तुम,
सदा आगे बढ़ते जाना तुम।

सुख-सुविधा पाने को,
अनैतिकता को न अपनाना तुम।
अपने सत्कर्मों से जग में,
अपना नाम कमाना तुम।

विघ्न-बाधाओं को देख,
निराशा में न घिर जाना तुम।
उच्च आदर्शों को मन में संजोए,
कर्त्तव्य पथ पर बढ़ते जाना तुम।

कुछ बनो या न बनो,
अच्छा इंसान बन जाना तुम।
अपने शुभ कर्मों से,
दूसरों को राह दिखाना तुम।

कुमकुम कुमारी
मध्य विद्यालय बाँक
शिक्षिका
मुंगेर, बिहार

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