विवेकानंद-सुधीर कुमार 

विवेकानंद 

हे युग पुरुष, हे युग प्रवर्तक, 
तुमको बारम्बार प्रणाम। 
तुमने भारतीय संस्कृति को, 
दिया था एक नया आयाम। 
रुढ़ि और बंधनों से तुमने, 
देश को मुक्त कराया। 
भटके हुए मानवता को तूने, 
नया मार्ग दिखलाया। 
विश्व धर्म सम्मेलन में, 
भारत का मान बढ़ाया। 
वैदिक धर्म को दुनिया की, 
नज़रों में ऊंचा उठाया। 
कर्म की महत्ता सदा बताकर, 
इसे प्रतिष्ठित तुमने किया। 
नया ज्ञान और नई रोशनी, 
तूने ही इस जग को दिया। 
वेद , पुराण और गीता की, 
एक नयी व्याख्या तुमने किया। 
अपने नये विचारों से, 
इस मानवता को सिंचित किया।
गुरु कार्य को पूर्ण किया, 
राम कृष्ण मिशन के द्वारा। 
इंग्लैंड अमेरिका और जापान में
भारत का झंडा लहराया। 
आज उन्हीं की याद में हम, 
इस युवा दिवस को मनाते हैं। 
उनके चरण कमलों में हम, 
आदर से शीश झुकाते हैं। 

सुधीर कुमार 

म वि शीशागाछी

किसनगंज

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