एक भारतीय युवा संन्यासी-भवानंद सिंह

Bhawanand

एक भारतीय युवा संन्यासी

विश्व पटल पर हुए अवतरित
थे युवा संन्यासी महान,
नाम था उनका नरेन्द्रनाथ
दुनियाँ में उनकी अलग है पहचान।

आर्यावर्त्त की भूमि पावन है
पाकर ऐसे युगद्रष्टा को, 
गूँज रहा धरा-अम्बर में
आज उनकी विलक्षण कृति। 

विश्वनाथ दत्त के घर पैदा हुए
12 जनवरी सन् 1863 को,
पालने में ही दिख गए थे
पुत्र हैं, विलक्षण प्रतिभा के धनी।

महान गुरु का सानिध्य पाकर
मानस पटल पर छाए हैैं, 
युवाओं के हैं प्रेरणास्रोत
मानव दिलों की धड़कन हैंं। 

सादा जीवन और उच्च विचार
था उनका उत्तम संस्कार, 
सेवा ही था धर्म उनका
प्रेम और दया के सागर थे। 

शिकागो धर्म सम्मेलन में
किए उसने ऐसा सम्बोधन,
दुनियाँ को अचम्भित कर डाला
भारतीय दर्शन का लोहा मनवाया। 

स्वामी विवेकानंद कहलाया
सनातन धर्म का मान बढाया, 
जगत में भारत को मिली प्रसिद्धि
गुरु से मिली थी ऐसी सिद्धि।

आओ मिलकर सब करें नमन
श्रद्धा के दो पुष्प चढाएँ,
उनके बताए मार्ग पर
चलने का संकल्प दोहराएँ।

भवानंद सिंह
अररिया, बिहार

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