सच्चे मित्र-सुधीर कुमार

सच्चे मित्र

पौधे हमारे मित्र हैं सच्चे,
इनको न तू भूल।
इनसे ही है हरियाली,
और मानव जाति समूल।
आम, संतरा, केला, नारियल,
सेब, अमरुद, अंगूर।
ये सारे ही फल हैं मीठे,
पौष्टिकता से भरपूर।
धान, गेहूं, मक्का और चने के, 
पौधे हैं लहराते।
इनके दाने को खाते हैं, 
अपना स्वास्थ्य बनाते। 
सरसों, सोयाबीन, तिल, 
नारियल देते हैं तेल।
सब्जी के ये स्वाद बढ़ाते, 
भोजन के हैं मेल।
आलू, बैंगन, प्याज, करेला, 
भिन्डी, कद्दू व टमाटर।
सब्जी ये सारे कर देते,
दिल को खुश और मन को तर। 
जीरा, हल्दी, मिर्च, अजवाइन, 
सौंफ, लौंग, दालचीनी।
सब्जी में डालें ये मसाले,
खुशबू दे भीनी भीनी।
हरड़, बहेड़ा और आंवला,
तुलसी, मुलेठी, नीम।
दवा है इनसे बनते जो,
रखते हैं दूर हकीम।
कमल, गुलाब, चम्पा व चमेली, 
जूही, गेंदा, अड़हुल।
इनसे घर बाहर हैं महकते,
सभी है सुंदर फूल।
आम, जामुन, कटहल व बरगद, 
शीशम लकड़ी देते। 
टेबल, पलंग, खिड़की व चौकी,
सब कुछ इनसे बनते। 
वायु को ये शुद्ध हैं करते, 
और छांव हैं देते। 
चिड़ियों के ये रैन बसेरे, 
वन्य प्राणी के घर होते। 
कितने लाभ हैं पौधे से, 
फिर क्यो न इन्हें बचाये। 
इनकी दिल से करें हिफाजत, 
धरती हरी बनाये। 

सुधीर कुमार

म वि शीशागाछी 
टेढ़ागाछ  किशनगंज

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