पुस्तक से प्यार-धीरज कुमार

Dhiraj

पुस्तक से प्यार

आओ चलें पुस्तक के पास

पुस्तक से हम कर ले प्यार।

अच्छी-अच्छी बातें सीखे

चित्र भरी कविता कहानी पढ़ते।

मन लगता खो जाते हम

पुस्तक पढ़े न रह पाते हम।

अंतरिक्ष की बात पढू जब

चांद तारों से बात करूं तब।

महानायकों की पढू जब गाथा

उनसे जुड़ जाता मेरा नाता।

ज्ञान विज्ञान रहस्य भरी बातें

पढ़ते लिखते ज्ञान को पाते।

अलग अलग भाषा में मिल जाती

देसी विदेशी पुस्तक भी मन भाती।

अच्छी लगती प्यारी लगती

रोचक प्यारी न्यारी लगती।

पढ़ो पहेली पढ़ो विज्ञान

पुस्तक पढ़ पढ़ बनें महान।

धीरज कुमार
Ums सिलौटा
प्रखड भभुआ कैमूर

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