देशी मिट्टी के सुगंध-भवानंद सिंह

Bhawanand

देशी मिट्टी के सुगंध

देश हमारा हमें है प्यारा
इसकी खुश्बू को पहचाने,
इस मिट्टी में पले बढे हम
आज खड़े हैं सीना ताने ।

कसम हमें है इस मिट्टी की
जिस मिट्टी में जन्म लिये हम,
इस मिट्टी की कीमत को जानो
अपना स्वाभिमान जगाओ।

देश की माटी देश का प्यार
इसे कभी नहीं भूलो यार,
पश्चिमी सभ्यता को छोड़ो
अपनी सभ्यता से नाता जोड़ो।

देश का ऋण बहुत है सब पर
अब उऋण होने का समय है,
देश अगर हमें है प्यारा
लगाओ सब स्वदेशी का नारा ।

स्वदेशी उत्पाद अपनाओ सब
देश को खुशहाल बनाओ अब,
देश के धन को देश में रखो
देश को आगे बढ़ाओ ।

एक प्रतिज्ञा और भी कर लो
पीछे कदम हटाना मत,
आगे तुम बढ़ते ही रहना
माँ भारती के तुम हो सपूत।

भवानंद सिंह
रानीगंज, अररिया

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