रोग भगाए योग-विवेक कुमार

Vivek

Vivek

रोग भगाए योग

व्यस्त दिनचर्या से आज जूझ रहा इंसान
धन की लालच में न रहा, स्वास्थ्य का है भान
न दिन को चैन है, न रात को मिलता चैन
दिन भर चल रही रस्साकस्सी से,
बिगड़ा शरीर का हुलिया, छूटा उसका मैल
तनाव भरे जीवन से मिला, रोग का है साथ
डायबिटीज, बीपी, गैस का मुफ्त में मिला ईनाम
पैसे की खातिर जिस शरीर को, करता है बर्बाद
उसी पैसे से फिर लगता करने, उसे है आबाद
अपने शरीर के लिए वक्त भी न निकाल पाता
जब समय आता कमाई का अंश भी काम न आता
न माया मिलती है न मिलता है राम
इस अजीब विडंबना की क्या की जाए बात
जिसे खोजा गली गली मिला वो अपने पास
स्वस्थ तन में स्वस्थ मन का होता है वास
स्वस्थ रहना ही असल पूंजी है यही रहता पास
21 जून योग दिवस मनाते, आता सबको रास
वर्ष का लंबा दिन होता, दीर्घायु का देता आभास
योग प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार है खास
इससे मिलती स्फूर्ति, रक्त का होता खूब प्रवाह
तनाव से मुक्त कर, करता आलस्य का नाश
नित्य करो तुम योग, दूर भागेगी रोग
अनूलोम विलोम प्राणायाम का जीवन में करो वास
शरीर होगा निरोग, पास न फटकेगी रोग
आओ मिलकर संकल्प करें, योग दिवस पर आज
नित्य तीस मिनट हमसब करें व्यायाम
जीवन से मिटाए बीमारी का नामो निशान
योग दिवस पर संदेश देंगे खुलेआम
रोग भगाए योग रे भईया
रोग भगाए योग।

#IamYogdoot
#मैं_हूं _योगदूत

विवेक कुमार
उत्क्रमित मध्य विद्यालय,गवसरा मुशहर
मड़वन, मुजफ्फरपुर

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