स्तनपान बच्चों के लिए अमृत समान-विवेक कुमार

Vivek

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स्तनपान बच्चों के लिए अमृत समान

मां द्वारा अपने स्तन से शिशु को दूध पिलाना, कहा जाता स्तनपान है
मनुष्य में ही नहीं जीव-जंतु को भी मिला, इसका वरदान है।
यह कुदरती क्रिया सभी स्तनपाइयों में होता आम है
शिशुओं के लिए स्तनपान, संरक्षण और संवर्धन का दिलाता विश्वास है।
नवजात शिशुओं में रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति का होता अभाव है
मां के दूध से क्षय शक्ति का होता सुंदर आगाज है।
मां के दूध के लेक्टोफोर्मीन तत्व, शिशुओं की आंत में लौह तत्व लेता बांध है
शिशु हिष्ट पुष्ट तंदरुस्त होता, करता ये बीमारियों का नाश है।
मां का प्रसवोपरांत, आया पीला गाढ़ा दूध, बच्चों के लिए अमृत समान है
इससे मां और शिशु के बीच स्नेह, वात्सल्य प्रेम होता प्रगाढ़ है।
मां को भी तत्काल स्तनपान कराने से आ सकने वाली समस्याओं का होता निदान है
शिशुओं के सभी परेशानियों को हर, देता मुहतोड़ जवाब है।
फौलाद जैसा बन, करता वो सौ-सौ काम है
मां की महिमा का जग में होता, इसीलिए गुणगान है।
कुपोषण के दंश से बचकर, बच्चा करता देश का नाम है
ललकार में भी छठी का दूध याद करा देंगे, जैसी बातें आम है।
जीवन के हर मोड़ पर मां के दूध की शक्ति का सबको भान है।
आधुनिकता के दौर में कुछ माताएं स्तनपान से कतरा रही
वजूद मिटता दिख रहा स्तनपान का, भावी पीढ़ी के लिए चिंता की बात है।
अपने लाल के सुरक्षित जीवन के लिए, सभी माताओं से विवेक की करबद्ध विनती आज है।
कराकर स्तनपान अपने शिशु को दीजिए, अमिटता का वरदान
ताकि कोई कर न कर सके, मां के दूध का अपमान।

विवेक कुमार
उत्क्रमित मध्य विद्यालय गवसरा मुशहर
मड़वन, मुजफ्फरपुर

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