खड़ी है तेरे द्वार बहना-जैनेन्द्र प्रसाद रवि

Jainendra

खड़ी है तेरे द्वार बहना

धागा रक्षा के बांधे तेरे हाथ बहना,
राजा भैया तू हर युग में साथ रहना।
नित् दिन रहती आश लगाए,
सोचती कब शुभ दिन ये आए।
मेरे आने की आज इंतजार करना,
राजा भैया तू हर युग में साथ रहना।
बचपन में हम संग-संग खेलें,
रहती हूं अब तुम बिन अकेले।
बहन होती है जगत में पराई गहना।
राजा भैया तू………….।
तुमसे कोई आश नहीं है,
धन, दौलत की प्यास नहीं है।
मेरी आंखों का तारा तू बन के रहना।
राजा भैया तू………..।
तेरे नहाते केश न टूटे,
तू मत रूठना चाहे जंग रूठे।
राखी लेकर खड़ी है तेरे द्वार बहना,
राजा भैया तू हर युग में साथ रहना।
जैनेन्द्र प्रसाद “रवि”
म.वि.बख्तियारपुर,
(पटना)

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