मेरी बेटियां -डॉ स्नेहलता द्विवेदी

मेरी बेटियां! मेरी प्रतिरूप, मैं बसती हूं उनमें, अंतस्त बिल्कुल अंदर, आद्यो पांत सर्वांग, प्राण वायु की तरह। मेरी बेटियां! मुस्कुराहटों में, आशाओं में, बातों में, आख्यानों में, संवाद में,…

बेटी दिवस – नीतू रानी

हो रही है खामोश हिंसा निर्दोष उन बेटियों की, बचाओ मत मारो इसको ये है रौनक आपके घर की, हो रही——————2। कितने कुमारे लड़कों को लड़कियाॅ॑ नहीं मिल रही, हो…

हिन्दी दिवस -कुमारी निरुपमा

हिन्दी ही हमारा वतन है हिन्दी ही हमारा चमन है हिन्दी और हिन्दोस्ता बढाएं हमारी एकता। हिन्दी को हम अपनाएंगे मान इसका हम बढाएंगे हिन्दी हमारा नजराना अग्रेजी में धौंस…

बहुत प्यारी ज़बां ये है – एम० एस० हुसैन

पढ़ो हिन्दी , लिखो हिन्दी बहुत प्यारी ज़बां ये है इससे टपकती है मधुरिम सदा प्रेम की निगहबां ये है ये भाषाओं की जननी है सदा ही शब्द निर्झरणी है…

मैं हिन्दी भाषा हूँ – रीना कुमारी

मैं हूँ हिन्दी भाषा, यही है मेरी परिभाषा, मैं सबके मुख पर रहती, मैं हूँ मातृभाषा मैं हूँ हिन्दी भाषा। मेरी जननी संस्कृत भाषा, जो होती देवों की भाषा, मैं…

हिंदी मधुरिम सरगम है -एम० एस० हुसैन

भाषा की डोरी थामकर चलना सिखाया हिंदी ने भेदभाव को भूलकर है सबको अपनाया हिंदी ने अपनी मधुरता में है सब को नहलाया हिंदी ने हिन्दी के सभी शब्द हैं…