कुदरत का कहर- जय कृष्णा पासवान

कुदरत किया कहर वर्षाया, प्रकृति संपदा बचाने को । “स्वच्छ मन पावन रिश्ता” निर्मल गंगा बहाने को ।। पाप की पुंजी भर गया, मानवता केअस्तित्व मिटाने को । “हवा का…

बाल- विवाह- पामिता कुमारी

कथी ला कैलहो बियाह हमर पक्का उमरिया नय होल छै बियाह के हो पप्पा, उमरिया नय होल छै बियाह के हो पप्पा।। ससुरा में हमरा से चूल्हा फुकबैतै, छोट-छोट बतिया…

छागर की माॅ॑ – नीतू रानी” निवेदिता”

छागर की माॅ॑ बकरी कहती है क्या यहीं है नवरात्रि का त्योहार, जिस त्योहार में की जाती है मेरे आगे मेरे बच्चों की मार-काट। मत मारो मेरे बच्चे को न…

अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’,

अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देश का मान बढ़ाया तूने अनेकों सैनिक से। तिरंगे ने सिर छुपा लिया है तेरे अंतिम बलिदान से।। तेरे रन कौशल से डरकर दुश्मन शीश झुकाता था, तेरी…

हिंदी दिवस मना रहे हैं हमसब फिर आज-स्मिता ठाकुर

हिंदी दिवस मना रहे हैं हम सब फिर आज बिना दिवस के बन गयी “अंग्रेजी” सरताज अंग्रेजी सरताज, उन्नति बहुत जरूरी हम सब भी रक्खे गुपचुप हिंदी से दूरी बच्चो…