अंगिका गीत- जयकृष्णा पासवान

दही चूड़ा चीनी आलूदम हो, हमरा नामन लगैय छै। नामन लगैय छै हमरा…२।। देखैल चलो मसूदन के द्वार- हो… हमरा नामन लगैय छै।। परबो तिहारो म पूजा-पाठ करला । देवीआरु…

नव-वर्ष आया है- जयकृष्णा पासवान

फूलों की तरह खिल-खिलाते, नव-वर्ष आया है। कलियों में छुपा-कर , जीवन का सौगात लाया है।। सुशोभित होंगे मस्तक पर, मेरी कामयाबी । फिजाओं संग खुशबू का, सैलाब लाया है।।…

आख़िर हूं मैं कहां-जयकृष्णा पासवान

उड़ता है मन, परिंदों का आसमां । खिलता हुआ फूल, भंवरों का नग़मा।। ढुंढने चल पड़ा मैं, खुशियों का जहां। आख़िर हूं मैं कहां…२.।। नदियों के किनारे में, पर्वतों के…

आज वीरान क्यों है- जयकृष्णा पासवान

आज धरती पर आसमां, वीरान क्यों है। चांद और सितारे, भी तो वहीं है। मगर हवा की सुर्खियां, इतना परेशान क्यों है।। हरेक-लम्हों की बेचैनी, ईंटों के दिवारों में दिखती…