अतुल्य रिश्ता-विजय सिंह नीलकण्ठ

अतुल्य रिश्ता माता होती है अतुल्य  जिसे जानती दुनिया सारी  अतुल्य रिश्ता है इनसे  जो कहलाती माता प्यारी। सबसे पहले अनुभव करती  फिर शुरू करती रखवाली  स्व रक्त से सिंचित…

जोश जज्बा और जुनून-विजय सिंह नीलकण्ठ

जोश जज्बा और जुनून जोश जज्बा और जुनून  है जिसको तीनों प्रसून  सफल सदा वही होता है  कहता कुदरत का कानून।  जोश सदा उत्साहित करके  नित कर्म को प्रेरित करता…

समय का सदुपयोग-विजय सिंह नीलकण्ठ

समय का सदुपयोग समय होत बलवान  जो जाने सारा सकल जहान  करे समय का सदुपयोग वो बन जाते हैं महान।  अशिक्षित या शिक्षित सबको  समय का ज्ञान तो होता ही…

दो ऐसा अचूक वरदान-विजय सिंह नीलकण्ठ

दो ऐसा अचूक वरदान हे प्रभु हमको ज्ञान प्राप्ति का  दो ऐसा अचूक वरदान  हर पल हर क्षण ज्ञान प्राप्त हो  विनती करता हूंँ भगवान। ज्ञान पिपासा कभी न कम…

मेरा बिहार-विजय सिंह नीलकण्ठ

मेरा बिहार मेरा बिहार प्यारा बिहार न दूजा इस जैसा संसार यहाँ मिले भरपूर प्यार एक बार नहीं हजारों बार।  अड़तीस जिले हैं इसकी सान जिससे है इसकी पहचान हम…

नामांकन करवाना है-विजय सिंह नीलकण्ठ

नामांकन करवाना है देखो प्रवेशोत्सव आया है  गुरु जी ने बुलाया है  जल्दी विद्यालय जाना है  नामांकन करवाना है।  फोटो व आधार को  लेकर ही स्कूल चलो  फिर नामांकन हो…