प्यारी गुड़िया- मीरा सिंह “मीरा

नन्ही मुन्नी प्यारी गुड़िया सबकी राज दुलारी गुड़िया। तितली जैसी उड़ती फिरती खुशियों की किलकारी गुड़िया।। कभी गले से आकर लिपटी कभी खफा हो जाती गुड़िया। करके कोई नयी शरारत…

बचपन की नादानी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

कुछ शरारतें और नादानी याद जाती अपनी शैतानी, कभी सोचकर शर्म के मारे आ जाता आंखों में पानी। धमाचौकड़ी खूब थे करते गिरने पर आहें थे भरते, भैया,पापा,चाचा के अलावे…

चल मुनिया-मीरा सिंह “मीरा”

तुझमें हिम्मत बल मुनिया। चल आगे बढ़ चल मुनिया। देखेगी दुनिया सारी तुझमें कितना बल मुनिया।। अवरोधों से मत घबरा तूफानों से लड़ मुनिया। दीपक बनकर तू जलना रोशन होगा…

मिट्टी का खिलौना- जयकृष्णा पासवान

मैं मिट्टी हूं मगर एक आकार का प्यासा हूँ। कोमल हाथों से एक आकृति प्रदान कर दीजिए।। मैं इस उपकार को ताउम्र तक निहारता रहूंगा।। मैं तो फिजाओं का एक…

सोन चिरैया गौरैया – सुरेश कुमार गौरव

वर्तमान में पक्षी जगत की गौरैया अब विलुप्ति के कगार पर है। कहां चली गई कभी मेरे घर की मुंडेर की कोमल गौरैया, बचपन में कहते थे इसे छोटी ,प्यारी…

पंछी – चांदनी समर

रोको ना मुझे टोको ना मुझे, पंछी को पर फैलाने दो है आज़ादी का स्वप्न मेरा, मुझे पंख खोल उड़ जाने दो तिनके चुन रखे हैं सपनों के, मैंने परों…